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विशाखा नक्षत्र: परिवर्तन का प्रतीक / Vishakha Nakshatra

वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से विशाखा नक्षत्र/ Vishakha Nakshatra 16 वां नक्षत्र है। यह नक्षत्र दो शब्दों से मिलकर बना है- वि + शाखा, जिसमें 'वि' का अर्थ है- 'निर्णय, भिन्न या विशिष्ट' और 'शाखा' का अर्थ है-  'टहनी या विभाजित होना' और सामूहिक अर्थ है- 'एकाग्रता' अर्थात ऐसा रास्ता जो दो तरफ से जाने पर भी एक ही मार्ग में आकर मिल जाता है। 

इस नक्षत्र के शासक दो शरीर और दो सिर वाले द्वय देवता इंद्र और अग्नि है, जिनमें इंद्र अति विशाल, प्रभावशाली और अपराजिता हैं जबकि अग्नि, अष्टवसु (आठ मौलिक देवताओं) के प्रमुख हैं।

इंद्रदेव और अग्निदेव दोनों ही सोमपान करते हैं और जीवन के उच्च अर्थों को दर्शाते हैं। 

विशाखा नक्षत्र में जन्मे लोगों की विशेषताएं:/ Characteristics of Vishakha Nakshatra Natives:

इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति, इस मायावी दुनिया में इंद्र के समान भौतिकवादी जीवन में लिप्त होने के साथ ही,  अग्नि के प्रभाव के कारण आध्यात्मिक और संस्कारी जीवन जीते हैं।

विशाखा नक्षत्र का रहस्य:/A Small Secret of Vishakha Nakshatra:

विशाखा नक्षत्र, कृतिका नक्षत्र (अग्नि) और ज्येष्ठा नक्षत्र (इंद्र) का मिश्रण है।

यह नक्षत्र कृतिका नक्षत्र के समान मिश्र या मिश्रित नक्षत्र है।

विशाखा नक्षत्र के लक्षण और विशेषताएं:/Traits and characteristics of Vishakha Nakshatra:

१. विशाखा नक्षत्र का अर्थ है- एकाग्रता या केंद्र बिंदु, जिस प्रकार अर्जुन ने पानी में बनी मछली की छवि को देखते हुए उसकी आंख में निशाना लगाया था।

२. इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति तत्परता और शिष्टतापूर्वक  आध्यात्मिक लक्ष्यों की प्राप्ति करते हैं।

३. इस नक्षत्र वाले व्यक्ति आध्यात्मिक कार्यों के प्रति तत्पर  रहते हैै।

४. विशाखा नक्षत्र ब्रह्मांडीय शक्ति काल पुरुष की भुजाएं हैं।

५. यह एकमात्र नक्षत्र है, जहां कोई ग्रह उच्च और नीच दोनों तरह का हो सकता है जैसे शनि उच्च का होने पर अनुशासन और चंद्रमा नीच का होने पर भटकाव या मन की चंचलता प्रदान करता है ‌

गहन निष्कर्ष:/Deeper Inferences:

• विशाखा नक्षत्र के जातकों के लिए संधि काल महत्वपूर्ण होता है। शनि के उच्च होने की स्थिति का बारीकी से अध्ययन करने उसके नवांश चार्ट/Navamsa chart में नीच का होने का पता लगाया जा सकता है। इसी तरह, जब विशाखा नक्षत्र की कुंडली में चंद्रमा नीच का होता है, तो वह नवांश में अपनी राशि में होता है। यह स्थिति परिवर्तनशीलता का केंद्र बिंदु होने के कारण, ग्रहों की ऊर्जाएं परिवर्तनशील होती हैं। यही इस नक्षत्र का गुण है।

• यह नक्षत्र, प्रीतियान नक्षत्र से आरंभ होकर भरणी नक्षत्र तक और देवयान नक्षत्र, कृतिका नक्षत्र से आरंभ होकर स्वाति नक्षत्र तक चलता है। देवयान नक्षत्र के लोग सूर्य की दिशा में चलते हैं और प्रीतियान नक्षत्र के जातक, चंद्रमा की दिशा में या पुनर्जन्म लेने के मार्ग पर चलने वाले होता है।

• इस नक्षत्र का दूसरा चरण, पुष्कर-नवमांश और आस्था-नवांश के पहले चरण से अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। इस चरण में, आस्था- नवमांश अधिक से अधिक परेशानियां उत्पन्न करने के बाद, अत्यधिक आपदाओं के बाद अच्छे परिवर्तन करता है।

अष्ट-नवांश क्या है:/ What is an Ashta-Navamsa:

कुंडली में, किसी ग्रह के नवांश के अष्टम भाव/Eight house में अपनी स्थिति में जाने को, अष्ट-नवांश स्थिति के रूप में जाना जाता है जो संबंधित ग्रह के लिए भयानक परिणाम देता है। (ज्योतिष के छात्रों को अष्ट-नवांश का चार्ट तैयार करना चाहिए)।

विशाखा नक्षत्र का दूसरा नाम और उसका कार्य करने का तरीका:/The Other Name of Vishakha Nakshatra and Its Way of Working:

विशाखा नक्षत्र को राधा भी कहा जाता है जिसका अर्थ है- श्री कृष्ण का मनोहर राग। 

१. इस नक्षत्र के जातक, विपरीत होने के कारण जंगल की आग की तरह अनियंत्रित होकर, हिंसोन्माद में व्यापक  बर्बादी का कारण हो सकते हैं।

२. विशाखा नक्षत्र के जातक, असंतोषी और अस्पष्टता के कारण विश्वासघाती हो सकते हैैं। 

३. इंद्र और अग्नि दोनों की अतृप्त प्रकृति के कारण तीव्र कामवासना बनी रहती है।

कारण:/The reason:

इंद्र और अग्नि दोनों की प्रकृति में संकरता होने के कारण, इंद्र ने गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या और अग्नि ने सप्तऋषियों की पत्नियों को आकर्षित किया।

• व्यक्तिगत संबंधों में वचनों को पूर्ण न करना

• अस्वीकार्य

• असफल संबंध

• विवाह के आरंभ चरण में उतार-चढ़ाव 

• देर से निश्चित सफलता की प्राप्ति

• जीवन का दूसरा भाग पहले भाग से बेहतर होता है।

विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति के संबंधित गूढ़ बातें:/ Deeper Secrets of Vishakha Nakshatra Natives:

इस नक्षत्र में जन्मे लोग अनुष्ठान द्वारा अपने मूल लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। विशाखा नक्षत्र के कई अनिष्टों के कारण उन लोगों को आत्मसंयम रखना पड़ता है। 

जिस प्रकार इंद्र अपने जीवन में की गई हर गलती के बाद कठोर संयम रखते हैं, वैसे ही इस नक्षत्र में जन्मे लोग वैरागी और एकांतप्रिय होते हैं। 

इस नक्षत्र के जातकों में अग्नि तत्व की प्रमुखता उन्हें आदर्शवादिता के लिए प्रेरित करती है।

विशाखा नक्षत्र में जन्मे लोगों की अन्य चीजें/ The other things the Vishakha Nakshatra native are :

~ साहस

~ धैर्य

~ प्रभावी

~ लेखक

~ वक्ता

~ इस नक्षत्र के जातक, प्रतिबिंबित रूप से हमेशा प्रभावयुक्त सफलता की ओर अग्रसर रहना चाहते हैं। 

~ इस नक्षत्र का विरोधाभास यह है कि प्रारंभिक सफलता प्राप्त करने के मार्ग भी बदलते रहते हैं।

~ विशाखा नक्षत्र के जातक, गिद्ध दृष्टि के कारण वो भी देख सकते हैं जो दूसरे नहीं देख सकते।

विशाखा नक्षत्र की पौराणिक कथा:/The Mythology Behind Vishakha Nakshatra:

इंद्र और वृत्रासुर:/ Indra and the Vritrasura:

इंद्रदेव ने विश्वकर्मा के पुत्र त्रिशिरा का वध किया था। क्रोध में, विश्वकर्मा ने एक महान राक्षस, वृत्रासुर का निर्माण किया। वृत्रासुर ने पृथ्वी का समुद्रों सहित सारा जल पी लिया। तब इंद्रदेव वृत्रासुर को युद्ध में हराकर पृथ्वी पर जल वापस लाए थे। 

इसी कारण, इन्द्र देव वज्र, मेघ और वर्षा से संबंध रखते  हैं। इसलिए, इस नक्षत्र के लोग भी परोपकारी कारणों के लिए लड़ने और जीतने के लिए प्रवृत्त होते हैं।

विशाखा नक्षत्र के पीछे दूसरी पौराणिक कथा:/ Second Mythology Behind Vishakha Nakshatra:

इंद्र और ऋषि दुर्वासा/ Indra and Sage Durvasa

एक बार ऋषि दुर्वासा तीनों लोकों में घूमते हुए जब इंद्रलोक पहुंचे, तब भगवान इंद्र अपने ऐरावत हाथी पर सवार थे और युद्ध के लिए जाने को तैयार थे। ऋषि दुर्वासा ने इंद्र को आशीर्वाद के रूप में अपने गले की माला भेंट की, जिसे इंद्र ने अपने गले में पहनने के बजाय ऐरावत के माथे रख दिया। माला से निकलने वाली तीव्र गंध को सहन करने में असमर्थ होने पर ऐरावत माला को अपने सिर से नीचे जमीन पर गिरा दिया जिसके परिणामस्वरूप, ऋषि दुर्वासा ने क्रोधित होकर इंद्र को श्राप दिया था।

हालांकि, यह कथा यहां समाप्त नहीं होती है, लेकिन इस कहानी का यह निष्कर्ष निकलता है कि इस नक्षत्र के व्यक्ति कभी-कभी अपने गुरुओं का अपमान करने की कोशिश करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप, उनके जीवन में और अधिक परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं।

विशाखा नक्षत्र के विषय:/Themes of Vishakha Nakshatra:

1. राजसी शक्ति

2. महत्वाकांक्षा और साहस

3. अभियान, और दृढ़ता

4. अविश्वसनीय रूप से केंद्रित

5. सशक्त और दृढ़ निश्चयी

6. प्रतिस्पर्धी और लक्ष्य केंद्रित

7. मद्य निर्माता

8. मद्य व्यवसाय

9. हारी हुई बाजी जीतने वाले 

10. हमेशा युवा।

विशाखा नक्षत्र में जन्मे कुछ प्रसिद्ध हस्तियां/Some famous personalities born in Vishakha Nakshatra

इस नक्षत्र में जन्मे कुछ विश्व प्रसिद्ध हस्तियों के नामों का उल्लेख करना उचित है : 

एलिजाबेथ टेलर, सरोजिनी नायडू (भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता), प्रियंका गांधी (भारतीय राज नेता और भारतीय पीएम राजीव गांधी की बेटी), कैटी पेरी (अमेरिकी गीतकार) आदि।

नाड़ियों के अनुसार विशाखा नक्षत्र की सक्रियता / Activation of Vishakha Nakshatra as per Nadis

नाड़ियों के अनुसार, कुंडली में विशाखा नक्षत्र कुछ विशेष वर्षों में सक्रिय होता है जिसका वर्णन इस प्रकार है:

1. इस नक्षत्र के पहली बार 33 वर्ष की आयु में सक्रिय होने पर, आमतौर पर बुरी घटनाएं होती हैं।

2. दूसरी बार यह नक्षत्र 39वें वर्ष की आयु में पुन: सक्रिय होकर एक साथ ही पांचवें और दसवें भाव को भी सक्रिय करता है।

3. 60 वर्ष की आयु में विशाखा नक्षत्र सक्रिय हो जाता है और स्वयं को क्रियान्वित करता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी बिजनेस के नामकरण और बच्चे के नामकरण में नक्षत्र बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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