Uttara Phalguni Nakshatra | आखिर क्यों कहा जाता है इस नक्षत्र को प्रसन्नता का तारा
वैदिक ज्योतिष/Vedic astrology में 27 नक्षत्रों में से उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र 12वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र को संरक्षण का तारा भी कहा जाता है। इस नक्षत्र/ Nakshatra के प्रतीक, रोशनी और प्रकाश के संरक्षक, बाद वाले लाल रंग की महिला है, तथा अंजीर का वृक्ष भी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र से संबंधित है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र/ Uttara Phalguni Nakshatra से संबंधित देवी या देवता 'आर्यमन' हैं, जिनका मूल शब्द 'आर्य' अर्थात् सज्जन और सम्माननीय होता है और जो भूमि या धर्म के नियमों का पालन करते हुए, स्वयं के उचित व्यवहार को संचालित करके अग्रसर रहता है।
'आर्यमन' का संबंध 'अरि' या शत्रुओं और शारीरिक विकृतियों से भी है। ये छह 'अरि' काम (वासना), क्रोध (क्रोध), लोभ (लालच), मद (अभिमान), मोह (लगाव), और मत्सर (ईर्ष्या) नामक छः भावों को दर्शाता है।
१. 'आर्यमन' एक अच्छे मित्र के रूप में भी जाना जाता है और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र विवाह के श्रेष्ठ जोड़े बनाता है।
२. यह नक्षत्र मिलन, अनुबंध, समझौते, कानून और विवाह के संबंधों का भी प्रतिनिधित्व करता है।
भग, आर्यमन, वरुण और मित्र प्रकाश के चार संरक्षक हैं। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र/purva phalguni nakshatra के देवता भग, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के आर्यमान, शतभिषा नक्षत्र के वरुण और अनुराधा नक्षत्र के देवता मित्र हैं। प्रकाश के ये चारों संरक्षक, मनुष्यों की आनंद के परम प्रकाश की, उनकी यात्रा में रक्षा करते हैं।
गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि पितरों में वह ही आर्यमन थे।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के जातकों की विशेषताएं/Characteristics of Uttara Phalguni Nakshatra natives
इस नक्षत्र का एक अन्य प्रतीक झूलता हुआ पालना है जहां कोई भी अस्थाई रूप से आराम करके, कुछ नया करने के लिए युवा महसूस कर सकता है जिससे मिलने वाली विशेषताएं निम्नलिखित वर्णित हैं:
1. इस नक्षत्र/Nakshatras के लोग खुशमिजाज होते हैं।
2. ये उदारचरित लोग, अजनबियों के प्रति भी बिना किसी रोक के प्रेम प्रकट करने में उदार होते हैं।
3. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के लोग परोपकारी और पर्यावरणविद होते हैं।
4. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र/Uttara Phalguni Nakshatra के जातक मददगार होते हैं तथा उन्हें ज्यादा मेहनत किए बिना ही बहुत आसानी से सफलता मिल जाती है।
5. ये लोग बहिर्मुखी किस्म के, रोमांच पसंद व्यक्ति होते हैं।
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन/Aryaman, the deity of Uttara Phalguni Nakshatra:
१. यम के बाद आर्यमन, मृत्यु के बाद स्वर्ग जाने वाले दूसरे नश्वर थे।
२. स्वर्ग और परलोक का मार्ग जानने वाले आर्यमन, इस धरती के सबसे प्रमुख रक्षक और शुभचिंतक हैं।
३. वह मार्गदर्शक और अन्वेषण भी हैं।
४. विभक्त करके वितरण करने के कारण, आर्यमन को 'विभक्तर' नाम से भी जाना जाता है।
५. यह विवाह के जोड़ों का व्यवस्था करने वाला 'विधिकर' भी है।
६. यह विवाह का तारा है।
आर्यमान या उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का आह्वान करने पर:
1.अधिक आसान संबंध
2.अधिक सुखद संबंध
3.असहमति को दूर करने में मददगार
4.सद्भाव में अधिक वृद्धि
5.रिश्ते की खूबसूरती बनाना
जैसे सुखों की प्राप्ति होती है।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के भेद/Secrets of Uttara Phalguni Nakshatra:
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र/Uttara Phalguni Nakshatra, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के समान ही संतान और विवाहित दंपत्तियों से संबंधित है।
• यह ध्रुव नक्षत्र या स्थिर नक्षत्र है इसलिए इस नक्षत्र में होने वाले विवाह या निवेशों के परिणाम अच्छे होते हैं।
• पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के देवता भग, धन का विभाजन और वितरण करने वाले तथा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन, इस धन की रक्षा करने वाले देव हैं।
• जब इस नक्षत्र पर अशुभ प्रभाव पड़ता है, तो जातक मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत तनावग्रस्त हो सकता है।
• इस नक्षत्र के जातकों को सूर्य रचनात्मक क्षमताएं देते हैं।
• इस नक्षत्र/Nakshatras के जातक, अत्यधिक रूप से अकेलेपन का सामना कर सकते है जो दिन के कुछ घंटों के लिए सूर्य के चमकने जैसा हो सकता है। यह अकेलापन संबंधों में परेशानियों के कारण हो सकता है; जिस प्रकार कहीं, सूरज नहीं चमकता।
• इस नक्षत्र के षटीय नक्षत्र होने के कारण, यह उन जगहों पर झगड़ा नहीं करता जहां उसे कराना चाहिए, बल्कि वह उन जगहों पर झगड़ा करा सकता है जहां उसे नहीं कराना चाहिए।
• इस नक्षत्र के लोग निष्क्रिय होने के कारण, काले जादू में लिप्त होने का प्रयास करते हैं।
• यह लोग मृत रिश्तेदारों से जुड़ने के इच्छुक होते हैं।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के विषय/Themes of Uttara Phalguni Nakshatra:
इस नक्षत्र से निकलने वाले विषयों से पता चलता है कि उन लोगों में निम्नलिखित प्रवृत्तियाँ होंगी:
१. परिवार से उत्तराधिकार में मिली विरासत।
२. वैवाहिक अनुबंधों के माध्यम से सम्पन्नता।
३. दानी, परोपकारी, और कर।
नाड़ियों के अनुसार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की सक्रियता/ Activation of Uttara Phalguni Nakshatra Through Nadis:
नाडी नियमों/Nadi rules के अनुसार, यह नक्षत्र आयु विशेष में सक्रिय होता है। इस नक्षत्र द्वारा आयु और भावों की एक साथ सक्रियता इस प्रकार है:
• इस नक्षत्र की पहली सक्रियता 9 वर्ष की आयु में होती है जो आमतौर पर शिक्षा से संबंधित घटनाएं होती हैं।
• 18 साल की उम्र में इसकी फिर से सक्रियता, आमतौर पर संबंधों से जुड़ी घटनाएं होती हैं।
• यह नक्षत्र 35 वर्ष की आयु में, करियर से जुड़ी घटनाओं पर पुनः: सक्रिय होता है। कृपया, उपरोक्त नियमों को बहुत विवेकपूर्ण तरीके से जन्म कुंडली पर प्रयोग करना चाहिए। वैदिक ज्योतिष/ Vedic Astrology के समग्र दिशानिर्देशों के अनुसार, ये इस नक्षत्र के सामान्य दिशा निर्देश हैं। परिणामस्वरूप कई अन्य कारकों के आधार पर वास्तविक परिणाम एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। इसलिए एक अच्छे ज्योतिषी से विशिष्ट विश्लेषण लेना हमेशा बेहतर होता है।
वैदिक ज्योतिष/ Vedic astrology के अनुसार, किसी बिजनेस के नामकरण और बच्चे के नामकरण में नक्षत्र बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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