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रोहिणी नक्षत्र - लक्षण और व्यक्तिगत स्वभाव

वैदिक ज्योतिष में, आकाश मंडल के महत्वपूर्ण 27 नक्षत्रों में से रोहिणी नक्षत्र चौथा नक्षत्र है जिसका स्वामी चंद्रमा और राशि का स्वामी शुक्र है। पांच तारों के समूह रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोगों की राशि वृषभ होती है। इस राशि में रोहिणी नक्षत्र चार चरणों में होता है। प्रजापति ब्रह्मा जी से संबंधित, इस नक्षत्र का प्रतीक बैलगाड़ी या रथ है जो भौतिक प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है तथा यह विकास, सुंदरता, विलासिता और भौतिक समृद्धि से संबंध रखता है।

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रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। वैदिक संस्कृति में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है इसलिए ऐसे लोग रचनात्मक और चंचल स्वभाव के और मनमोहक होते हैं। रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोगों की राशि वृषभ होती है। अपनी राशि के अनुसार रोहिणी नक्षत्र वाले लोग महत्वाकांक्षी, कल्पनाशील और विश्वसनीय होते हैं।

सृष्टि के देवता ब्रह्मा रोहिणी नक्षत्र के देवता हैं जो इसे एक कल्पनाशील और भौतिकवादी प्रकृति प्रदान करते हैं। ब्रह्मा इस भौतिक दुनिया के निर्माण और उत्पत्ति पर शासन करते हैं और उनका प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए ब्रह्मा जी से संबंधित होने के कारण, यह नक्षत्र सभी प्रकार की रचनाओं का प्रतिनिधित्व करता है और बुवाई और रोपण, अंकुरण और बढ़ने जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करता है तथा रचनात्मक ऊर्जाएं और क्षमताएं, व्यवसाय और परियोजनाओं को शुरू करने के लिए इस नक्षत्र को और भी शुभ बनाती हैं।

 

कुंडली में रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि में 10° से 23.20° के बीच स्थित होता है। कुंडली में रोहिणी नक्षत्र की स्थिति लोगों के व्यक्तित्व, विशेषताओं, सामर्थ्य और कमजोरियों के बारे में जानकारी प्रदान करती है जिसका विश्लेषण करके, ज्योतिषी द्वारा किसी व्यक्ति के करियर, प्रेम जीवन, स्वास्थ्य और जीवन के अन्य पहलुओं के संबंध में भविष्यवाणियां की जा सकती हैं। 

 

रोहिणी नक्षत्र के चरण / Rohini Nakshatra Pada

रोहिणी नक्षत्र को चार चरणों में बांटा गया है जिसमें प्रत्येक की अपनी-अपनी महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं-

प्रथम चरण

रोहिणी नक्षत्र/ Rohini Nakshatra का पहला चरण मेष राशि से संबंध रखता है जिसका स्वामी मंगल है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चन्द्रमा और रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के स्वामी मंगल का मेल, व्यक्ति को हमेशा धन, प्रसिद्धि, सुख-समृद्धि और उन्नत्ति प्रदान करता है।  

द्वितीय चरण:

रोहिणी नक्षत्र का दूसरा चरण वृषभ राशि/zodiac sign of Taurus से संबंधित है जिसका स्वामी शुक्र है। ऐसे व्यक्ति सुंदर, आकर्षक, मनमोहक और सौम्य स्वभाव के होते हैं। हालांकि, ऐसे व्यक्तियों को कुछ न कुछ पीड़ा बनी रहती है लेकिन, शुक्र की दशाओं और अन्तर्दशाओं में विशेष उन्नत्ति मिलती है। इस चरण में जन्मे लोगों का प्रकृति से गहरा संबंध होने के कारण, उनकी बागवानी और खेती जैसी गतिविधियों रुचि होती है। 

तृतीय चरण:

मिथुन राशि से संबंधित तीसरे चरण का स्वामी बुध है जिस कारण ऐसे व्यक्ति जिम्मेदार, सत्यवादी, नैतिक और आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ ही, गायन और कला जैसे क्षेत्रों में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करते हैं। चन्द्रमा व बुध की दशाओं और अन्तर्दशाओं में इन्हें  उन्नत्ति मिलती है। इसके अलावा, संचार कौशल में कुशल ये लोग पत्रकारिता, लेखन या शिक्षण जैसे क्षेत्रों में रुचि रखते हैं तथा नए-नए स्थलों की यात्राएं करने के शौकीन होते हैं।

चतुर्थ चरण:

कर्क राशि से संबंधित चौथे चरण पर चंद्रमा का शासन होने के कारण ऐसे व्यक्ति तेजस्वी, सत्यवादी, सौन्दर्य प्रेमी, शांतिपूर्ण तथा जलीय व तरल पदार्थों से संबंधित व्यवसाय करने वाले होते हैं। इसके अलावा, ये लोग  भावनात्मक, सहानुभूतिपूर्ण और देखभाल करने वाले होते हैं जिनका अपने परिवार से गहरा संबंध होता है। चन्द्रमा की दशा इन्हें जीवन का पूर्ण सुख प्रदान करती है। वहीं, ये व्यक्ति परामर्श, मनोविज्ञान या सामाजिक कार्य जैसे क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त करते हैं।


ज्योतिष में रोहिणी नक्षत्र की विशेषताएं

इस नक्षत्र के अंतर्गत जन्मे लोग, अपनी शारीरिक सुंदरता और आकर्षक छवि के लिए जाने जाते हैं। आमतौर पर, भौतिक सुखों और विलासिता के प्रेमी यह लोग अक्सर ललित कलाओं, संगीत और फैशन के प्रति आकर्षण रखते हैं क्योंकि इन्हें इनकी स्वाभाविक समझ होती है। इसके अलावा, ऐसे व्यक्ति इंद्रिय सुखों में लिप्त रहते हैं।

रोहिणी नक्षत्र में जन्मे पुरुषों की विशेषताएं - आमतौर पर आकर्षक, लंबे और आकर्षक व्यक्तित्व के धनी रोहिणी नक्षत्र वाले पुरुष, महत्वाकांक्षी और मेहनती होते हैं जो व्यवसाय या रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करते हैं। बुद्धिमान और प्रगतिशील यह व्यक्ति, रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने में समर्थ रहते हैं।

रोहिणी नक्षत्र में जन्मीं महिलाओं की विशेषताएं - ऐसी महिलाएं अपनी सुंदरता‌, शिष्ट व्यवहार और आकर्षक छवि के लिए जानी जाती हैं। आमतौर परफैशन की गहरी समझ रखने वाली यह महिलाएं, भावुक और बुद्धिमान होने के साथ ही संगीत, नृत्य या कला की नैसर्गिक प्रतिभा रखती हैं तथा लालन-पालन वाले स्वभाव के कारण, अच्छी गृहिणी साबित होती हैं।

 

रोहिणी नक्षत्र की अनुकूलता

आमतौर पर, जहां रोहिणी नक्षत्र के अंतर्गत जन्मे लोगों की कृतिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, रेवती, श्रवण, उत्तराषाढ़ा और अनुराधा नक्षत्रों वाले लोगों के साथ अनुकूलता बनी रहती है वहीं अश्लेषा, ज्येष्ठ, मूल और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र वालों के साथ, संबंधों में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

 

रोहिणी नक्षत्र विवाह

रोहिणी नक्षत्र वालों के वैवाहिक जीवन में भरपूर मानसिक और भौतिक सुख रहने के कारण, दांपत्य जीवन सुखी रहता है। हालांकि, कुछ लोगों के जीवन में दो विवाह होने की भी संभावनाएं रहती हैं। इस नक्षत्र वाले लोग, अपने प्रेम को विवाह में बदलने में सफल रहते हैं। लेकिन, माता से अत्यधिक लगाव के कारण वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां का भी सामना करना पड़ता है लेकिन, कुल मिलाकर इन लोगों का दांपत्य जीवन बेहतर रहता है। जीवन के हर सुख-दुःख में जीवनसाथी का साथ बना रहता है। साथ ही, ऐसे दंपत्ति संतान का भली-भांति लालन-पालन करते हैं इसलिए अच्छे माता-पिता होते हैं।

 

रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोगों का करियर

इस नक्षत्र में जन्मे लोग, आमतौर पर प्रतिभाशाली और रचनात्मक होते हैं और फैशन, सौंदर्य, संगीत, कला या मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। कुशल व्यापारी होने के कारण, यह व्यापार करना पसंद करते हैं तथा सरकारी या रचनात्मकता से संबंधित कार्य करते हैं। इसके अलावा, ऐसे लोग ट्रांसपोर्ट, पशुओं और कृषि संबंधित कार्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। फैशन इंडस्ट्री के साथ ही गायन, संगीत, चित्रकारी, लेखन आदि क्षेत्रों में भी सफल रहते हैं।

 

रोहिणी नक्षत्र का महत्व

आमतौर पर, इस नक्षत्र में जन्मे लोग आशावादी, रचनात्मक और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले होते हैं। नए विचारों एवं परिवर्तन को सहजता से स्वीकार करने वाले इन लोगों में, भौतिक सुख-सुविधाओं एवं विपरीत लिंग के प्रति विशेष लगाव होता है। चंचल ओर रोमांटिक स्वभाव के साथ ही, ये  संगीत, नृत्य एवं चित्रकला में भी रूचि रखते हैं। ऐसे व्यक्ति, मेहनती और महत्वाकांक्षी होते हैं और व्यवसाय या रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करते हैं।

 

रोहिणी नक्षत्र की ज्योतिषीय भविष्यवाणियां

इस नक्षत्र से संबंधित ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के अनुसार, इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को भौतिक और इन्द्रिय सुखों से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आध्यात्मिक और भावनात्मक ज़रूरतों के साथ ही, विलासितापूर्ण इच्छाओं को संतुलित करने की आवश्यकता होगी। वहीं, इन लोगों को अपने रिश्तों से जुड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है इसलिए इन्हें अपने संचार कौशल और भावनात्मकता पर ध्यान देने की आवश्यकता है‌।

 

रोहिणी नक्षत्र के उपाय / Remedies for Rohini Nakshatra

रोहिणी नक्षत्र के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए किए जाने वाले उपाय:

शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करके भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। 

प्रतिदिन 108 बार 'ॐ ब्राह्मयै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।

ज्योतिषी की सलाह से हीरा (gemstone Diamondया सफेद पुखराज धारण करना चाहिए।

इसके अलावा, दूध और चावल का दान करना चाहिए।

शुभ मुहूर्त में रोहिणी नक्षत्र की पूजा करनी चाहिए।

 सोमवार का व्रत रखना चाहिए और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए।

इसके अतिरिक्त, प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

मांसाहारी भोजन और शराब खाने से बचना चाहिए।

रोहिणी नक्षत्र संबंधित ऑनलाइन जानकारी

रोहिणी नक्षत्र संबंधी समस्त भविष्यवाणियों, अनुकूलताओं, विशेषताओं और उपायों की ऑनलाइन जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए, ऑनलाइन कैलकुलेटर की सुविधा भी उपलब्ध है जो व्यक्ति को जन्मतिथि और समय के आधार पर, नक्षत्र को निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, रोहिणी नक्षत्र से संबंधित अंतर्दृष्टि और भविष्यवाणियां प्रदान करने वाले, वैदिक ज्योतिष के किसी विद्वान ज्योतिषी का भी ऑनलाइन पता लगाया जा सकता है। 

 

रोहिणी नक्षत्र संबंधी तथ्य/ Facts of Rohini Nakshatra

रोहिणी नक्षत्र, जीवन के निर्माता हिंदू देवता प्रजापति से संबंधित है।

रोहिणी नक्षत्र प्रतीक बैलगाड़ी या रथ है जो भौतिक प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।

आमतौर पर, इस नक्षत्र में जन्मे लोग भौतिक सुखों और विलासिता के प्रेमी होने के साथ ही, इंद्रिय सुखों में लिप्त रहते हैं।

चंद्रमा द्वारा शासित रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि में स्थित होता है।

 

रोहिणी नक्षत्र में जन्मीं कुछ प्रसिद्ध हस्तियां 

  • 1 नवंबर, 1973 को जन्मीं भारतीय अभिनेत्री और पूर्व मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय बच्चन  

  • 2 नवंबर, 1965 को जन्म लेने वाले भारतीय अभिनेता और फिल्म निर्माता शाहरुख खान

  • भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जिनका जन्म 19 नवंबर, 1917 को हुआ था।

  • 7 नवंबर, 1954 को जन्मे भारतीय अभिनेता और फिल्म निर्देशक कमल हसन।

  • 23 नवंबर, 1926 को जन्म लेने वाले सत्य साईं बाबा जी।

  • हिंदी और नेपाली फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए जानी जाने वाली अभिनेत्री मनीषा कोइराला  

  • भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक आदित्य चोपड़ा

  • भारतीय राजनेता और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा।

  • 28 दिसंबर, 1937 को जन्मे भारतीय उद्योगपति रतन टाटा।

  • भारत के पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन आदि।

इसके साथ ही, आप करियर ज्योतिष, विवाह संबंधी भविष्यवाणी, व्यापार ज्योतिष और कर्म सुधार के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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