Vijaya Ekadashi 2024 - विजया एकादशी कब मनाया

  • 2024-03-04
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हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। एकादशी तिथि भगवान श्री हरि विष्णु जी को समर्पित होती है। फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। विजया एकादशी मार्च और फाल्गुन के महीने की पहली एकादशी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में तमाम मुश्किलों से घिरा हो तो विजया एकादशी का व्रत रखने से उसे अपने हर कार्य में जीत मिलती है इसलिए इसे विजया एकादशी कहा जाता है।

कब है विजया एकादशी 

फाल्गुन महीने की एकादशी यानी विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च, 2024 बुधवार को रखा जाएगा।

विजया एकादशी शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग/Hindu Panchang के अनुसार, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 6 मार्च 2024 को सुबह 6 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 7 मार्च 2024 को सुबह  4 बजकर 10 मिनट तक रहेगी।

उदया तिथि के अनुसार फाल्गुन माह की पहली एकादशी विजया एकादशी 6 मार्च 2024 को मनाई जाएगी।

विजया एकादशी 2024 व्रत का पारण कब है?

एकादशी के व्रत का पारण हमेशा द्वादशी तिथि में किया जाता है। 

विजया एकादशी व्रत के पारण का शुभ समय: 7 मार्च 2024 को सुबह 8 बजकर 5 मिनट से दोपहर 12 बजे तक किया जा सकेगा।  

विजया एकादशी 2024 व्रत का महत्व

विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। वेद पुराणों के अनुसार लंका पर विजय की कामना करते हुए भगवान श्री राम जी ने एकादशी का व्रत किया था जिसके बाद उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की थी। विजया एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सुख - संपन्नता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

विजया एकादशी का व्रत श्री हरि विष्णु जी और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए और पापों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

विजया एकादशी 2024 पूजा – विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विजया एकादशी/Vijaya Ekadashi के दिन विधि-विधान से श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

विजया एकादशी व्रत की विधि

  • विजया एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और भगवान विष्णु को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित करें।
  • भगवान श्रीहरि को नारियल, सुपारी, आंवला, अनार और लौंग आदि चढ़ाएं।
  • भगवान विष्णु जी को तुलसी बेहद प्रिय है और तुलसी के बिना श्री हरि की पूजा अधूरी मानी जाती है इसलिए उन्हें तुलसी दल अवश्य अर्पित करें।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और उनकी आरती करें।
  • भगवान को पंचामृत के साथ साथ पीली मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • एकादशी की रात्रि में जागरण करना और भगवान विष्णु के नाम के भजन करने का बड़ा महत्व है।
  • एकादशी के अगले दिन द्वादशी पर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
  • विजया एकादशी 2024 व्रत पर क्या करें, क्या न करें
  • विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना करें।
  • इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी को पीले वस्त्र, पीले फूल और पीले मिष्ठान अर्पित करें।
  • विजया एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करते हुए माता लक्ष्मी का भी पूजन करें। 
  • एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • इस दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और न ही तुलसी के पौधे को स्पर्श करना चाहिए।
  • एकादशी के दिन क्रोध करने से बचना चाहिए।
  • इस दिन न ही किसी की निंदा करनी चाहिए और ना ही किसी का अपमान करना चाहिए।
  • एकादशी के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
  • शास्त्रों के अनुसार एकादशी के बाल व नाखून काटना अशुभ माना जाता है।
  • एकादशी के दिन काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए।

Author: Dr. Vinay Bajrangi

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