सनातन धर्म में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार हर महीने पूर्णिमा तिथि मनाई जाती है। इस दिन व्रत, स्नान-दान, पूजा-पाठ आदि करने से पुण्य फल मिलते हैं। माघ के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहते हैं। माघ पूर्णिमा माघ माह के अंतिम दिन मनाई जाती है इसलिए इस पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा भी कहते हैं। पूर्णिमा के पावन दिन पर भगवान विष्णु और माता पार्वती के साथ-साथ चंद्रमा की भी विशेष पूजा की जाती है।माघ के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहते हैं। माघ पूर्णिमा माघ माह के अंतिम दिन मनाई जाती है। माघ पूर्णिमा के पावन दिन पर भगवान विष्णु और माता पार्वती के साथ-साथ चंद्रमा की भी विशेष पूजा की जाती है।
कब है माघ पूर्णिमा?
हिंदु पंचांग/Hindu Panchang के अनुसार इस साल 24 फरवरी 2024 को माघ पुर्णिमा मनाया जाएगा। माघ पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन शाम 6 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगा।
माघ पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त
माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा/Purnima बेहद ही खास मानी जाती है। इस साल माघ पूर्णिमा उदया तिथि अनुसार 24 फरवरी 2024, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।
माघ पूर्णिमा/Magh Purnima की तिथि की शुरुआत 23 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा।
माघ पूर्णिमा 2024 का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ के महीने में समस्त देवी देवता पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं इसलिए माघ पूर्णिमा के दिन स्वर्ग से सभी देवी देवता गंगा स्नान के लिए आते हैं। जो भी व्यक्ति इस दिन गंगा में स्नान करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि जो श्रद्धालु पूरे माघ महीने में स्नान, दान और जप-तप नहीं कर सकते वो माघ पूर्णिमा के दिन स्नान-दान कर ले तो उसे पूरे महीने का एक ही दिन में फल मिल जाता है।
माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान का महत्व
माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आस्था की डुबकी लगाने आते है। यहां आकर जप-तप, दान दक्षिणा करने से जीवन में आने वाले दुख-दर्द दूर होते हैं।
माघ पूर्णिमा 2024 पूजा विधि
- माघ पूर्णिमा के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रणाम करना चाहिए।
- इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करना चाहिए।
- इसके पश्चात मंदिर की साफ-सफाई करनी चाहिए और गंगाजल छिड़ककर मंदिर को शुद्ध करना चाहिए।
- इस दिन भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करें।
- भगवान विष्णु को पीले रंग का फल, हल्दी, जौ, अक्षत आदि चीजें अर्पित करें और मां लक्ष्मी को लाल फूलों की माला, चुनरी और श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
- यदि आप माघ पूर्णिमा का व्रत पहली बार कर रहें हैं तो इस दिन चंद्र देव की पूजा जरूर करें।
- पूर्णिमा की रात्रि चंद्र के उदय होने के बाद लोटे से जल व दूध का अर्घ्य देना शुभ होता है, इससे चंद्र देव की कृपा बनी रहती है।
- माघ पूर्णिमा की रात को चंद्र देवता को अर्घ्य और गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं।
माघ पूर्णिमा पर करें ये काम
- माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करना चाहिए। यदि आप नदियों में स्नान नहीं कर सकते तो घर में ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- पूर्णिमा के दिन चावल का दान करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
- माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मीठा जल अर्पित करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- पूर्णिमा पर चंद्रमा को दूध का अर्घ्य अवश्य दें। ऐसा करने से सुख समृद्धि और रिश्तों में मधुरता आती है।
- इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करें और श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- इस दिन खीर बनाकर चंद्र देव और मां लक्ष्मी को अर्पित करें, इससे धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
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