अक्सर पेरेंट्स की शिकायत रहती है कि उनके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता। कई बार ऐसा होता है कि बच्चा पढ़ने में होशियार होता है लेकिन उसे मनचाही सफलता नहीं मिल पाती। क्या आपने सोचा है ऐसा क्यों होता है। कहीं इसके पीछे आपके स्टडी रूम का वास्तु तो नहीं?
जी हां, वास्तु के अनुसार घर के हर कमरे का अपना एक अलग महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कमरे के हर कोने, हर दिशा का हमारे जीवन में कुछ न कुछ प्रभाव पड़ता है फिर वह चाहे सकरात्मक हो या फिर नकारात्मक। यदि स्टडी रूम सही दिशा में न बना हो तो यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है, जिसका प्रभाव बच्चे की पढ़ाई-लिखाई और उसकी ओवरऑल पर्सनेलिटी पर देखने को मिलता है।
यदि स्टडी रूम का वास्तु सही होगा तो उस घर के बच्चों का मन पढ़ाई में लगता है और वो खूब तरक्की करते हैं। आइए जानते हैं स्टडी रूम से जुड़े जरूरी वास्तु टिप्स जो आपके बच्चे के जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं:
एक आरामदायक स्टडी रूम बनाएं
आपका स्टडी रूम आपका पर्सनल स्पेस होता है। स्टडी रूम घर के सभी कमरों में से एक सबसे महत्वपूर्ण कमरा होता है क्योंकि यह वह जगह है जहां आपका पूरा फोकस अपनी किताबों और अपने लक्ष्यों को पाने पर केंद्रित होता है। स्टडी रूम बनाते समय इस बात का बहुत ध्यान रखना चाहिए कि यहां घर के बाकी हिस्सों से कोई आवाज न पहुंचे और ये बहुत ही आरामदायक होना चाहिए। स्टडी रूम में आपकी स्टडी चेयर आरामदायक होनी चाहिए क्योंकि इस पर बैठ कर ही आपको पढ़ना और लिखना होता है। आपके स्टडी टेबल के पास खिड़की जरूर होनी चाहिए ताकि बाहर की ताज़ा हवा और रोशनी आपके कमरे में सकारात्मकता लाए। इससे पढ़ने का माहौल आरामदायी हो जाता है।
स्टडी रूम में हमेशा शांत वातावरण होना चाहिए
घर में स्टडी रूम ऐसी जगह बनाना चाहिए जहां पढ़ाई के लिए शांत, सकारात्मक और प्रेरणादायक वातावरण हो। स्टडी रूम बनाते समय हमेशा ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए जहां शोरगुल न हो और न ही कोई ऐसी चीज आसपास हो जिसकी वजह से स्टडी में डिस्टर्बेंस हो। वास्तु के अनुसार टीवी, वीडियो गेम्स, फिल्मी पोस्टर्स, रद्दी सामान, दर्पण आदि आपके स्टडी रूम में कभी भी नहीं होनी चाहिए। इन सब चीजों से बच्चे का ध्यान भटक सकता है और पढ़ाईं में रुचि कम हो सकती है।
वास्तु के अनुसार स्टडी रूम
वास्तु के अनुसार डिजाइन किया गया स्टडी रूम बच्चे की पढ़ाई-लिखाई और उसकी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आपका स्टडी रूम वास्तु के अनुसार होना चाहिए। अगर आप भी अपने घर के स्टडी रूम के वास्तु/Study Room Vastu को लेकर कंफ्यूज हैं, तो आज ही वास्तु एक्सपर्ट डॉ. विनय बजरंगी से संपर्क करें। डॉ. बजरंगी को वास्तु शास्त्र और ज्योतिष में महारथ हासिल है और अपने इस ज्ञान के प्रकाश से वह कई लोगों के जीवन की समस्याओं का निवारण करते आ रहें हैं। आइए जानते हैं कि कैसे स्टडी रूम की दिशा,उसमें इस्तेमाल होने वाले रंगों, तस्वीरों और आसपास रखी चीजों का हमारे जीवन पर प्रभाव होता है।
वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में क्या-क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए;
स्टडी रूम वास्तु टिप्स
• वास्तु के अनुसार स्टडी रूम हमेशा घर के उत्तर पूर्व दिशा में बनाना चाहिए।
• पढ़ाई करते समय मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में होनी चाहिए, इससे मानसिक विकास होता है।
• स्टडी रूम में हमेशा हल्के रंगों का प्रयोग करें। ऐसा करने से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।
• स्टडी टेबल पर विद्या और बुद्धि के कारक भगवान श्री गणेश जी और मां सरस्वती जी की तस्वीर लगाएं।
• स्टडी टेबल पर पिरामिड या ग्लोब रखें।
• स्टडी रूम में सफल लोगों की तस्वीरें और प्रेरणात्मक किताबें रखें।
• हमेशा आयताकार स्टडी टेबल का इस्तेमाल करें।
• स्टडी रूम में प्रकाश और शुद्ध हवा जरूर आनी चाहिए। इससे आपके मन में शांति और ताजगी भरी रहेगी।
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क्या न करें
• स्टडी टेबल पर कभी भी टूटी हुई तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए।
• स्टडी टेबल पर कभी भी फालतू कागज, अखबार, पुरानी किताबें जैसी चीजें नहीं रखनी चाहिए। ये सभी चीजें नकारात्मकता लाती हैं।
• स्टडी रूम में कभी भी काँटेदार या आर्टिफिशियल फूल, पौधे नहीं लगाने चाहिए। ये बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और इसका असर बच्चों की रचनात्मकता पर पड़ता है।
• स्टडी टेबल की रोजाना सफाई करनी चाहिए।
• स्टडी टेबल पर भी भी खाना नहीं खाना चाहिए और न ही जूठे बर्तन वहाँ न रखें। ऐसा करने से पढ़ाई में रुचि कम होने लगती है।
• कॉपी किताब वाली अलमारी को कभी भी गंदा न रखें।
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