Magh Gupt Navratri - कब से शुरू हो रहे हैं माघ गुप्त नवरात्रि!

  • 2024-01-29
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हिन्दू धर्म में नवरात्रि का त्यौहार बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाता है। नवरात्रि के 9 दिन भक्त मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इनमें से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी होती है लेकिन गुप्त नवरात्रि के बारे में कम लोगों को ही पता होता है।

 

क्या होते हैं गुप्त नवरात्रि?

“गुप्त” का अर्थ होता है “छिपा हुआ”। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की 10 महा विद्याओं की विशेष आराधना की जाती है। ये नवरात्रि गुप्त विद्याओं और तंत्र साधनाओं को प्राप्त करने के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। तंत्र साधनाओं को गुप्त रूप से ही किया जाता है। माघ माह में आने वाले ये नवरात्रि गुप्त विद्याओं में महारथ हासिल करने के लिए बेहद ही खास होते हैं, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

 

माघ माह नवरात्रि तिथि

हिन्दू पंचांग/Hindu Panchang के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती हैं। 

इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी, शनिवार से होगी और इनका समापन 18 फरवरी, रविवार को होगा। 

माघ माह के गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी, शनिवार से होगी।

 

माघ नवरात्रि घटस्थापना

घट स्थापना मुहूर्त: इस दिन कलश स्थापना के लिए शुभ सुबह 07.10 मिनट से दोपहर 11.30 मिनट तक रहेगा।

शुभ पूजा मुहूर्त: पूजा के लिए विशेष शुभ मुहूर्त 10 फरवरी को सुबह 08.45 मिनट से सुबह 10.10 तक रहेगा। 

 

गुप्त नवरात्रि में इन 10 महाविद्याओं की होती है पूजा-अर्चना

मां काली

मां तारा

मां त्रिपुर सुंदरी

मां भुवनेश्वरी

मां छिन्नमस्ता

मां त्रिपुर भैरवी

मां धूमावती

मां बगलामुखी

मां मातंगी

मां कमला

माघ गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। सभी 10 महाविद्याएं मां दुर्गा की ही रूप हैं और इनकी उत्पत्ति गुप्त नवरात्रि में ही हुई थी। ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। ऐसा करने से मां भगवती प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं।

 

माघ गुप्त नवरात्रि पूजा अनुष्ठान

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए सबसे पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मां दुर्गा की पूजा के लिए सबसे पहले मां की एक प्रतिमा या चित्र मंदिर में रखें। मां की इस तस्वीर को लाल रंग के वस्त्र में रखें और मां पर लाल रंग की ही चुनरी और शृंगार का सामान चढ़ाएं।

गुप्त नवरात्रि में दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। 

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को सुबह शाम की पूजा में लौंग और बताशे का भोग लगाएं।

माघ गुप्त नवरात्रि में पूजा के समय 108 बार दुर्गा के मंत्रों का जाप अवश्य करें, ऐसा करने से मां का आशीर्वाद अपने भक्तों के साथ बना रहता है।

माघ गुप्त नवरात्रि की अवधि में क्षमा और दया भाव मन में होना चाहिए और काम एवं क्रोध को त्याग कर ही पूजा-पाठ करना चाहिए।

 

क्या है माघ गुप्त नवरात्रि का महत्व?

गुप्त नवरात्रि पर माता दुर्गा की गुप्त रुप से पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि की पूजा में तांत्रिक, साधक और अघोरी तंत्र-मंत्र की सिद्धि पाने के लिए गुप्त साधना करते हैं। सामान्य लोग भी इन नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा अर्चना करके अपने जीवन की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और माता रानी का आशीर्वाद बना रहता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि की पूजा, व्रत और अनुष्ठान को गुप्त रखना चाहिए। पूजा अनुष्ठान को जितना अधिक गुप्त रखा जाता है उतनी ही जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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