होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिए ?

  • 2024-03-15
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 Author: Dr Vinay Bajrangi

हिंदू धर्म में होली के त्‍योहार को बेहद ही खास माना जाता है। होली मुख्य रूप से हंसी, खुशी और रंगों का त्यौहार है। यह पर्व 5 दिनों तक बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। होली से एक रात पहले फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन होता है और फिर उसके अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। इस साल 25 मार्च को होली का पावन पर्व मनाया जाएगा। होली की शुरुआत से ठीक 8 दिन पहले होलाष्‍टक शुरू हो जाते हैं।

क्या होते हैं होलाष्टक? 

हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक को बेहद ही अशुभ माना जाता है। होलाष्टक होली के त्योहार से 8 दिन पहले शुरू हो जाता है। होलाष्टक शब्द “होली” और “अष्टक” दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है “होली के आठ दिन” यानि होली के 8 दिन पहले ही होलाष्टक की शुरुआत हो जाती है जिसका समापन होलिका दहन पर होता है। होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।

कब से शुरू हो रहें हैं होलाष्टक?

इस साल होली का त्यौहार 25 मार्च 2024, सोमवार को है। ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से शुरू हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक के दौरान किए गए शुभ और मांगलिक कार्यों का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है और जीवन में बुरे परिणाम मिलते हैं।

होलाष्टक से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं!

हिंदू धर्म में होलाष्टक को बेहद ही अशुभ माना जाता है और इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवताओं के कहने पर कामदेव ने भगवान शिवजी की तपस्या को भंग कर दिया तब उन्हें महादेव के प्रकोप का सामना करना पड़ा था। क्रोधित होकर शिवजी ने कामदेव को भस्म कर दिया था, जिससे प्रकृति में शोक की लहर फैल गई थी। जिस दिन कामदेव को भस्म किया गया था उस दिन फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि थी। इसी कारण से यह दिन शुभ नहीं माने जाते हैं।

होलाष्टक की अवधि में किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

होलाष्टक की अवधि 17 मार्च 2024 से शुरू हो रही है, जो कि होलिका दहन तक रहेंगे। होलाष्टक के दौरान विशेष तौर पर विवाह, मुंडन, गृह-प्रवेश आदि सोलह संस्कारों को करने की मनाही है। होलिका दहन के दूसरे दिन यानी होली के दिन शुभ कार्य फिर से प्रारंभ हो जाते हैं। इस साल होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा और रंगों वाली होली 25 मार्च को मनाई जाएगी।

होलाष्टक के दौरान विवाह, नामकरण, गृह-प्रवेश, मुंडन, संस्कार जैसे कई तरह के अनुष्ठानों पर रोक लग जाती है। इसके अलावा होलाष्टक की अवधि के समय यज्ञ और हवन भी नहीं करना चाहिए और कोई नया निवेश या व्यापार भी नहीं शुरू किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य करने से नुकसान का खतरा अधिक बढ़ जाता है। होलाष्टक के दौरान में नया मकान, नई संपत्ति, नए गहने या नई गाड़ी की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। साथ ही इस दौरान मकान का निर्माण भी नहीं शुरू करना चाहिए।

होलाष्टक में करें ये काम

  1. होलाष्टक के दिन पूजा-पाठ और जप-तप के लिए बेहद अच्छे माने जाते हैं।
  2. होलाष्टक के दिनों भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
  3. इन दिनों स्नान दान करने का बहुत ही महत्व माना जाता है। दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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