अयोध्या राम मंदिर: इस बार दीपावली, हम जनवरी में, मनायेंगें। और क्यों न हो, भगवान राम जो आ रहे हैं !
जी हाँ, भगवान राम की नगरी अयोध्या सज-धज कर प्रभु राम के भव्य स्वागत को तैयार है। पूरे 500 वर्षों के बाद अयोध्या नगरी में प्रभु के आगमन का उत्सव अत्यधिक उल्लास के साथ मनाया जायेगा। अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन, जो हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 22 जनवरी 2024 को होना तय हुआ है, सभी सनातनी और भगवान श्रीराम के अनुयायियों के लिए एक गौरवपूर्ण अवसर है। 22 जनवरी 2024 को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे, और पूरी अयोध्या नगरी में भव्यता की छटा दिखाई देगी।
इस लेख में, हम अयोध्या नगरी में आयोजित रामलला दीपोत्सव से जुड़ी बहुत ही विशेष बातें बताऐंगें। आपको एहसास होगा, कि इस बार का दीपोत्सव, जो रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने से पहले का आखिरी दीपोत्सव है, कितना विशाल और अद्भुत होगा !
अयोध्या राम-मंदिर, सुनहरे अतीत की जीत: वर्ष 2019 नवम्बर को सर्वोच्च न्यायालय ने, सौ वर्षों से भी अधिक से चले आ रहे, मंदिर-मस्जिद विवाद के तहत, अयोध्या भूमि पर राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी। मोदी जी ने उसी समय यह वादा किया कि राम लला (शिशु राम) जो विवाद के चलते लगभग 30 वर्षों से एक टेंट में विराजमान थे, अब उनके लिए एक महा भव्य मंदिर का निर्माण किया जायेगा।
राम मंदिर के लिए मोदी जी ने रखी नींवशिला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर के लिए नींवशिला रखी। "जय सिया राम" के नारों के बीच, करोड़ों श्रद्धालुओं ने शहर भर में लगी स्क्रीन्स पर, मोदी जी को मंदिर के मुख्य गर्भ स्थल में प्रतीकात्मक चांदी की ईंट को रखते देखा। यह सच में पूरे भारत वर्ष के श्रद्धालुओं के लिए एक स्वर्णिम अवसर था।
राम मंदिर की भव्यता: अयोध्या मंदिर की सुंदरता व भव्यता देखने योग्य है।
- मंदिर परंपरागत नागर शैली में बना जा रहा है।
- मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊचाई 161 फीट होगी।
- मंदिर तीन मंजिला होगा, प्रत्येक मंजिल की ऊचाई 20 फीट। मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप और प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।
- मंदिर में पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से प्रवेश किया जा सकेगा।
- मंदिर के 70 एकड़ क्षेत्र में से 70 प्रतिशत हमेशा हरा-भरा रहेगा, और यहाँ लोहे और कंक्रीट का उपयोग नहीं किया गया है।
- मंदिर में 5 मंडप हैं - नृत्य, रंग, सभा, प्रार्थना, और कीर्तन मंडप।
- मंदिर के खंभों और दीवारों में देवी-देवताओं और देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं, जो मंदिर को और भी सुंदर बनाती हैं।
- मंदिर निर्माण में लगभग 21 लाख ग्रेनाइट, घनपुट, सैंड स्टोन, और मार्बल का प्रयोग हो रहा है, और हर हिस्से को इतनी मजबूती से बनाया जा रहा है कि इसकी लगभग 1,000 वर्ष तक मरम्मत की जरूरत नहीं होगी।
प्रधान मंत्री द्वारा उद्घाटन व प्राण प्रतिष्ठा समारोह: अयोध्या नगरी में बने राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होगा, जिसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी मुख्य यजमान होंगे। इस उद्घाटन समारोह में 25,000 से अधिक लोग शामिल हो रहे हैं। वहीं, राम मंदिर ट्रस्ट ने तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं को भी न्योता भेजा है। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के मार्गदर्शन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्य राष्ट्रभर से आये 121 वेदिक ब्राह्मणों के साथ प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होंगें। सारी प्रक्रिया "संजीवनी योग" के अंतर्गत की जाएगी, जो अत्यंत शुभ महूर्त है। प्राण प्रतिष्ठा "अभिजीत मुहूर्त" के दौरान की जाएगी। राम लल्ला मूर्ति स्थापना के लिए शुभ समय 12:20 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा। मूर्ति स्थापित होने पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम की पहली आरती करेंगे।
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राम जी चले न हनुमान के बिना: प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, पीएम मोदी भगवान हनुमान के दरबार जा उनसे आशीर्वाद प्राप्त करेंगे, क्योंकि माना जाता है कि जब भगवान श्रीराम ने अपने शरीर को त्याग अपने धाम पधारे तो उस समय भगवान हनुमान ने अयोध्या नगर का शासन किया था। हिन्दू शास्त्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भगवान हनुमान अमर हैं और वे अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं। प्रतिष्ठा समारंभ 16 जनवरी 2024 को होगा, जिसमें सरयू नदी की परिक्रमा और शहर का दौरा शामिल होगा।
अक्षत निमंत्रण: विश्व हिन्दू परिषद और अन्य हिन्दू संगठन ने राम मंदिर उद्घाटन सम्बंधित एक अनूठा अभियान चलाया है। क्योंकि सभी भक्त अयोध्या नगरी नहीं पहुँच सकते, मंदिर ट्रस्ट सभी राम भक्तों को घर बैठे समारोह में सम्मिलित होने का निमंत्रण भेज रहा है। इसके लिए उन्होनें शुद्ध घी और हल्दी में लिपटे चावलों के छोटे छोटे पाउच बनाये है, और विश्व हिन्दू परिषद और आरएसएस कार्यकर्ता उन्हें शहरों, गाँवों और राज्यों में घर-घर बाँट रहे हैं। यह अक्षत भगवन राम की पवन जन्म-भूमि अयोध्या से ही वितरित हो रहे हैं।
अक्षत देते समय, ये कार्यकर्ता प्रत्येक प्राप्तकर्ता को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव के बारे में बता रहे हैं, और उन्हें 22 जनवरी को दीपों को प्रज्वलित करने, और यदि संभव हो स्थानीय समुदाय मंदिर में रामोत्सव का आयोजन करने के लिए कह रहे हैं। पारंपरिक 'अक्षत', के साथ एक विषयसूची जो मंदिर के बारे में जानकारी देती है व राम मंदिर की तस्वीर भी दी जा रही है। 1 जनवरी को शुरू की गई पूजनीय 'अक्षत' या पवित्र धान को अयोध्या से भारत के करोड़ों हिन्दुओं तक पहुँचाने की यह पहल है। अक्षत वितरण कश्मीर से कन्याकुमारी तक चल रहा है। अक्षत वितरण, हिन्दुओं को उनके भगवान श्री राम के साथ अटूट, व गहरे भावनात्मक जुड़ाव की याद दिला रहा है।
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नए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड का इरादा: इस वर्ष, अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में एक नई रिकॉर्ड बनने की तैयारियां हैं, जहां लगभग साढ़े 24 लाख दीये जलाए जाएंगे। यह सभी दीये अयोध्या के कुम्हारों द्वारा निर्मित किए गए हैं, और इससे इन कुम्हारों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। इन साढ़े 24 लाख दीयों का निर्माण अयोध्या के कुम्हारों द्वारा किया गया है। रिकॉर्ड के लिए इन दीपों को 5 से 15 मिनट तक जलने की आवश्यकता है, ताकि गीनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के मानकों को पूरा किया जा सके। इस प्रकार, इस शानदार दीपोत्सव के लिए सभी तैयारियां जोरों पर हैं।
दीपोत्सव में भारतीय संस्कृति की झलक और सांस्कृतिक सम्पन्नता: अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में भारत के 24 राज्यों से करीब 2500 कलाकार अपनी संस्कृति की छटा बिखराएंगे। दीपोत्सव में भारतीय राज्यों की भाषा, शैली और संस्कृति का संगम दर्शाया जाएगा, जिसमें आदिवासी नृत्य, गरबा, कथकली, और कालबेलिया जैसे विभिन्न शैलियां शामिल होंगी। दीपोत्सव में 4 देशों की रामलीला भी होगी, जिनमें रूस, श्रीलंका, नेपाल, और सिंगापुर शामिल हैं। इस शानदार आयोजन में बहुसंख्यक लोगों को भारतीय संस्कृति का अद्वितीय सौंदर्य और समृद्धि का अहसास होगा।
दीपोत्सव में दीपदान करें, घर बैठे “होली अयोध्या एप” के साथ: आने वाले दीपोत्सव में लोग अयोध्या में दीपदान में शामिल होने की इच्छा रखते हैं, लेकिन कई बार कारणों से वह इसमें समर्थ नहीं हो पाते हैं। इस समस्या का समाधान करते हुए, पर्यटन विभाग ने "होली अयोध्या एप" (Holy Ayodhya App) का शुभारंभ किया है। इस एप के माध्यम से लोग देश-विदेश से अयोध्या में दीपक बुक कर सकेंगे। यह एप प्ले स्टोर, एंड्रायड, और एप्पल प्लेटफार्म्स पर उपलब्ध है।
इस एप को डाउनलोड करने के बाद, लोग अपने नाम से एक या उससे अधिक दीपक बुक कर सकते हैं। इसके बाद, दीपोत्सव के बाद पर्यटन विभाग उनके पते पर दीपक, प्रसाद, और सरयू का जल भेजेगा। इस एप ने लोगों को अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में शामिल होने का एक नया तरीका प्रदान किया है।
भगवान श्री राम हर देशवासी के हृदय में वास करते हैं। गाँवों, शहरों, कस्बों और गलियों में हर कोई भगवान राम के आगमन के भव्य दृश्य को देखने के लिए आतुर है। बड़े, बूढ़े, युवा, बच्चे सभी के लिए रामलल्ला पूजनीय है, उनके आदर्श हमारी भारतीय संस्कृति की नीव है। राम भूमि के प्रति लोगों की सद्भावना देखते ही बनती है। विषय से जुड़े अन्य रोचक लेखों के लिए जुड़े रहे, जय सिया राम।
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